दयानंद स्तुति


जय दयानन्द जय दयानन्द जयति वेदोद्धारकम्।
ब्रह्मचारी , धर्मरक्षक , आर्य जाति सुधारकम्॥
परम – पावन – पुण्य – सलिला वेदज्ञान प्रवाहकम् ।
देश – hiतकारी , दयामय , पतित – शुद्धिकारकम् ॥
जय दयानन्द जय…..

भूत – प्रेत – पिशाच – जड़ – पूजादि खण्डन तत्परम् ।
पाखण्ड , मिथ्याचार , दूषण , दास्य नाशक भास्करम्॥
बाल – वृद्ध – विवाह – भेदक , छुआछूत निवारकम्।
धूर्त , पाखण्डी , प्रवंचक , दुष्ट ह्रदय विदारकम्॥
जय दयानन्द जय…..

व्याकरण , निरुक्तादि , शिक्षा , कल्प , ज्योतिष पण्डितम्।
सत्यवादी , ब्रह्मवर्चस् , आर्ष महिमा मंडितम्॥
परमयोगी , दलितत्राता , क्षमाशील महाशयम्।
शास्त्रार्थ – समर – महारथी , ज्ञानी परम् षड्दर्शनम्॥
जय दयानन्द जय…..

ईशपूजा , नारिशिक्षा , देवयज्ञ विधायकम् ।
संस्कार – विधि , सत्यार्थ – आभा , भाष्य-भूमिका कारकम् ॥
इति वदति चिन्ता मणि दयानन्द जाति गौरव पोशकम् ।
भक्तिभाव से नमन कर आर्य समाज प्रवर्तकम्॥
जय दयानन्द जय…..

रचयिताश्री चिंता मणि वर्मा
संरक्षक
आर्य सत्संग मंडल ,मांडले ,म्यांमा (बर्मा)

 

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Posted on July 7, 2012, in poems. Bookmark the permalink. 2 Comments.

  1. kulbhushan Gupta

    Chinta Mani Verma g Dyanand G ne murtipooja ka virodh kiya tha kintoo aap to Dyanand G ki he pooja karne lag pre.

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